तिरुवाय्मोळि – सरल व्याख्या – ३.३ ओळिविल
श्री: श्रीमते शटकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत वरवरमुनये नम: कोयिल तिरुवाय्मोळि << २.१० – किळरोळि एम्पेरुमान (भगवान श्रीमन्नारायण) से आऴ्वार् प्रार्थना करते हुए कहतें हैं, “देवरीर(आप) के प्रति किए जाने वाले कैंकर्य में बाधा स्वरूप इस शरीर को मिटाने की कृपा करें”।आऴ्वार् को अनुग्रह करते हुए कहतें हैं, “देवरीर(आप) के इसी शरीर के संग … Read more