उपदेश रत्तिनमालै – सरल व्याख्या – पासुरम् २९ – ३०
। ।श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नमः। । उपदेश रत्तिनमालै <<पासुर २७ – २८ पासुरम् २९ उनतीसवां पासुरम्। वे अपने हृदय से चित्तिरै तिरुवादिरै के इस महान दिवस की महिमा को निरंतर चिंतन करने को कहते हैं। ऎन्दै ऎतिरासर् इव्वुलगिल् ऎन्दमक्कावन्दुदित्त नाळ् ऎन्नुम् वासिनियाल् – इन्दत्तिरुवादिरै तन्निन् सीर्मै तनै नॆञ्जेऒरुवामल् ऎप्पोऴुदुम् … Read more