ज्ञान सारं – तनियन (ध्यान श्लोक)

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: ज्ञान सारं                                                                                                                   प्रस्तावना (तनियन) (ध्यान श्लोक) कार्तिकेभरणी जातं यतीन्द्राश्रयमाश्रये। ज्ञानप्रमेयसारभि: वक्तारं वरदं मुनिम्॥ विश्लेषण: जिनका अवतार कार्तिक मासमें भरणी नक्षत्र में हुआ है, जो श्री रामानुज स्वामीजी जो यतीन्द्र हैं उनके शरणागत हैं, जिन्होने अपने ज्ञानसारम् प्रमेयसारम्ग्रन्थों में आचार्य महिमा का वर्णन किया हैऐसेश्री देवराजमुनी स्वामीजी की … Read more

ज्ञान सारं

श्रीः श्रीमते शटकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनय् नमः मूल व्याख्यान: श्री वरवरमुनी स्वामीजी, तमिल अनुवाद: श्री उ. वे. वी. के. श्रीनिवासाचारी स्वामीजी. e-book: http://1drv.ms/1LnhQWd  श्री देवराज मुनि स्वामिजि – श्रीविल्लिपुत्तूर् श्री वरवरमुनि स्वामिजि – तोताद्रि यह श्री देवराजमुनी स्वामीजी के ज्ञानसारम्-प्रमेयसारम् पर आधारित श्री वरवरमुनी स्वामीजी के व्याख्यान का हिन्दी भाषांतर है जो … Read more