नाच्चियार् तिरुमोऴि – नौंवा तिरुमोऴि – सिन्दुरच् चॆम्बॊडि
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि << आठवां तिरुमोऴि आठवें दशक में आण्डाळ् (गोदाम्बा) दुःखी थी अर्थात उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा था। वहाँ कुछ मेघ थे भगवान के पास जाकर इसकी दशा के बारे में बताने। परंतु वे कहीं नहीं गए, और पूरा जल … Read more