। ।श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नमः। ।
मुन्नम् तिरुवाय्मोऴि पिळ्ळै ताम् उपदेसित्त
नेर तन्निन्पडियैत् तणवादसॊल् मणवाळमुनि
तन् अन्बुडन् सॆय् उपदेस रत्तिन मालै तन्नै
तन्नॆञ्जु तन्निल् दरिप्पवर् ताळ्गळ् चरण् नमक्के॥
यह तनियन् (एक अकेली स्तुति/मंगळाचरण, जो ग्रंथ में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है) कोयिल् कन्दाडै अण्णन् द्वारा दयालु रूप से रचित किया गया है, जो मामुनिगळ् के महत्वपूर्ण शिष्यों में से एक हैं। मामुनिगळ् – वह हैं जिन्होंने श्रीशैलेश स्वामी (तिरुवाय्मोऴि पिळ्ळै) से हमारे आचार्यों के निर्देश अच्छे से ग्रहण किया और उन निर्देशों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत किया। इस प्रकार मामुनिगळ् ने बहुत स्नेह के साथ, इस ग्रंथ के माध्यम से उन निर्देशों को सरलता से समझाया। उन मनुष्यों के दिव्य चरण, जो उन निर्देशों को अपने हृदय में अच्छे से ध्यान करते हैं, हमारे शरण स्थान हैं।
अडियेन् दीपिका रामानुज दासी
आधार: https://divyaprabandham.koyil.org/index.php/2020/06/upadhesa-raththina-malai-thaniyan-simple/
संगृहीत- https://divyaprabandham.koyil.org
प्रमेय (लक्ष्य) – https://koyil.org
प्रमाण (शास्त्र) – http://granthams.koyil.org
प्रमाता (आचार्य) – http://acharyas.koyil.org
श्रीवैष्णव शिक्षा/बालकों का पोर्टल – http://pillai.koyil.org