श्री देवराज अष्टकम्

श्री:
श्रीमते शठकोपाये नम:
श्रीमते रामानुजाये नम:
श्रीमद्वरवरमुनये नम:

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पेरुन्देवित् तायार, देव पेरुमाल (श्रीवरदराज भगवान) उभय नाच्चियार के साथ – कांचीपुरम

2.thirukkachi-nambi-kanchi

श्री कांचिपूर्ण स्वामीजी– कांचीपुरम

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श्री कांचिपूर्ण स्वामीजी ने कृपा करके श्री देवराज अष्टकम् (8 श्लोक) नामक एक सुंदर संस्कृत स्तोत्र प्रबंध की रचना की जो पेरुन्देवित् तायार के स्वामी देव पेरुमाल (श्रीवरदराज भगवान) की महिमा का गान करता है।

न्याय वेदांत विद्वान् दामल वन्गिपुरम श्री ऊ.वे. पार्थसारथी ऐयेंगार स्वामी ने इस अद्भुत प्रबंध का अनुवाद सरल और सुगम तमिल भाषा में किया है। हम यहाँ उसके हिंदी अनुवाद को देखेंगे।

हम इसे निम्न अंकों में देखेंगे:

-अदियेन भगवती रामानुजदासी

आधार – https://divyaprabandham.koyil.org/index.php/2015/12/sri-dhevaraja-ashtakam/

pramEyam (goal) – https://koyil.org
pramANam (scriptures) – http://granthams.koyil.org/
pramAthA (preceptors) – http://acharyas.koyil.org
SrIvaishNava Education/Kids Portal – http://pillai.koyil.org

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