ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) ३७
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: ज्ञान सारं ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) ३६ ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) ३८ पाशुर-३७ पोरूलुम उयिरूम उडम्बुम पुगलुम तेरूलुम गुणमुम सेयलुम – अरुल पुरिन्द तन आरियन पोरूट्टाच सङ्गर पम सेय्बवर नेञ्जु एन्नालुम मालुक्किडम प्रस्तावना: इस पाशुर में श्री देवराजमुनि स्वामीजी यह कहते हैं कि भगवान श्रीमन्नारायण … Read more