आर्ति प्रबंधं ३५
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम: आर्ति प्रबंधं << पासुर ३४ उपक्षेप मामुनि श्री रामानुज से कहतें हैं , “स्वामी! बाधाओं को निकाल कर मेरी रक्षा करने में ही आपकी चिंता हैं। आपके अत्यंत कृपा के कारण, आपके प्रति कैंकर्य करने कि अवसर दिलाने की इच्छा रखते हैं। किन्तु साँसारिक रुचियाँ ऐसे कैंकर्य … Read more