स्तोत्र रत्नम – सरल् व्याख्या – तनियन्

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः पूरी श्रृंखला तनियन्स्वादयन्निह सर्वेषां त्रय्यंतार्थं सुदुर्ग्रहम ।स्तोत्रयामास योगीन्द्र: तं वन्दे यामुनाह्वयम् ॥मैं उन श्री आळवन्दार् स्वामीजी के चरणों में नमन करता हूँ, जो योगियों में उत्तम हैं, जिन्होंने वेदान्त के अत्यंत कठिन सिद्धांतों को जन सामान्य के समझने योग्य स्तोत्र प्रारूप में प्रस्तुत किया है। नमो … Read more