आर्ति प्रबंधं – ५३
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम: आर्ति प्रबंधं << पाशुर ५२ उपक्षेप पिछले पासुरम में मामुनि अपने अंतिम दिशा को वर्णन करते समय, पेरिय पेरुमाळ के गरुड़ में सवार उन्के (मामुनि को दर्शन देनें) यहाँ आने की बात भी बताया। इससे यह प्रश्न उठता है कि अपने अंतिम दिशा पर … Read more