आर्ति प्रबंधं – २
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम: आर्ति प्रबंधं << पासुरम १ इरामानुसाय नम एन्रु सिंदित्तिरा मनुसरोडु इरैप्पोळुदु – ईरामारु सिन्दिप्पार ताळिनैयिल सेर्न्दिरुप्पार ताळिनैयिल वन्दिप्पार विन्नोरगळ वाळ्वु शब्दार्थ : वाळ्वु – (का) नित्य धन विण्णोर्गळ – नित्यसूरीयाँ हैं ताळिनैयै – उनके उभय चरण कमल वन्दिप्पार – जो दण्डवत प्रणाम करते हैं सेर्न्दिरुप्पार – … Read more