ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) १४
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: ज्ञान सारं ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) १३ ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) १५ पासुर १४ बूदङ्गळ् ऐन्दुम् पोरुन्दुडलिनार् पिरन्द सादङ्गळ् नान्किनोडुम् सङ्गतमाम् – पेतङ्गोण्डु एन्न पयन् पेरुवीर् एव्वुयिर्कुम् इन्दिरै कोन् तन्नडिये काणुम् सरण् अर्थ बूदङ्गळ् ऐन्दुम् पोरुन्दुडलिनार् पिरन्द – यहाँ पर जन्म लिये सभी … Read more