श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्रीरामानुज स्वामीजी – श्रीपेरियवाच्चान पिल्लै
श्रीपेरियवाच्चान पिल्लै की तनियन (उनके अद्भुत व्याख्यान के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने के लिए यह तनियन प्रस्तुत की गयी है) –
श्रीमत कृष्ण समाह्वाय नमो यामुन शूनवे|
यत कटाक्षैक लक्ष्याणम् सुलभ: श्रीधरस्सदा ||
अर्थात: मैं श्रीपेरियवाच्चान पिल्लै स्वामीजी के चरणों की आराधना करता हूँ, जो श्रीयामुन के सुपुत्र है और जिनकी कृपाकटाक्ष से अत्यंत ही सुलभता से भगवान श्रीमन्नारायण की कृपा प्राप्त होती है।
शरणागति गद्य की तनियन –
वन्दे वेदांत कर्पूर चामीकर करंडकम
रामनुजार्यमार्याणाम चूड़ामणिमहर्निषम्
अर्थात: मैं, दिन-रात श्रीरामानुज स्वामीजी की आराधना करता हूँ, जो सभी आचार्यों के मुकुटमणि के समान है, और जो उस स्वर्णिम कोष के समान है- जो कपूर जैसी सुगंध वाले वेदांत की रक्षा करते है।
– अडियेन भगवती रामानुजदासी
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