उपदेश रत्तिनमालै – सरल व्याख्या – पासुर १४ और १५
। ।श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नमः। । उपदेश रत्तिनमालै <<पासुर १२ और १३ पासुर १४ चौदहवां पासुर। श्रीवरवरमुनि स्वामी वैकासी (वैशाख) मास के विसागम् (विशाखा) नक्षत्र के महान दिन का उत्सव मनाते हैं, जिस दिन नम्माऴ्वार् (श्रीशठकोप स्वामी), जिन्होंने सरल तमिऴ् में वेद के अर्थों का वर्णन किया और जिनके … Read more