चतुः श्लोकी – तनियन
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः चतुः श्लोकी आळवन्दार – काट्टुमन्नारकोईल यत पदाम्भोरुहध्याना विध्वस्थासेष कल्मष: | वस्तुथामुपयातोहम यामनेयम् नमामितम् || Listen अपने कृपा से मेरे दोषों को निष्कासन कर, एक पेह्चान्नीय वस्तु बनाने वाले श्रीयामुनाचार्य को पूजता हूँ। अर्थात , मै पहले अचित था और यामुनाचार्य के चरण कमलों पर ध्यान बढ़ाने … Read more