सप्त कादै – पासुरम् १ – भाग २
श्री: श्रीमते शठकोप नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद् वरवर मुनये नम: शृंखला << सप्त कादै – पासुरम् १ – भाग १ अम् पोन् अरङ्गर्क्कुम् -मुक्तात्मा, जैसे तिरुमालै २ में कहा गया है “पोय् इन्दिरा लोगम् आळुम्” (परमपद जाना और वहाँ आनन्द लेना), अर्चिरादि मार्गम् से यात्रा करना (परमपद की ओर जाने वाला मार्ग) विरजा नदी … Read more