यतिराज विंशति – श्लोक – ४
श्रीः श्रीमते शटकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनय् नमः यतिराज विंशति श्लोक ३ … Read more
Divya Prabandham
श्रीः श्रीमते शटकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनय् नमः यतिराज विंशति श्लोक ३ … Read more
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनय् नमः यतिराज विंशति श्लोक २ … Read more
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनय् नमः यतिराज विंशति श्लोक १ … Read more
श्रीः श्रीमते शटकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनय् नमः यतिराज विंशति तनियन् … Read more
श्रीः श्रीमते शटकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनय् नमः यतिराज विंशति … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद् वरवरमुनये नम: श्री रामानुजाचार्य – भविष्यदाचार्य पवित्र स्थान – आळ्वार् तिरुनगरि श्री वरवरमुनि स्वामिजि – श्री रंगम e-book – https://1drv.ms/b/s!AiNzc-LF3uwygxBRX_jwTgbDzknD परिचय मन्नुयिर्गाळिङे मणवाळ मामुनिवन् पोन्नडियाम् चेण्गमलप् पोदुगलै – उन्नि चिरत्ताले तीण्डिल् अमानुवनुम् नम्मै करत्ताले तीण्डल् कडन्. बहुत् सारे महाचार्यों के अवतार से पवित्र हुए इस् भूमि में … Read more
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः चतुः श्लोकी श्लोक अंत में कहे जाने वाला श्लोक: आकार त्रय संपन्नाम अरविंद निवासिनीम् | अशेष जगतीशित्रीम् वंदे वरद वल्लभाम् || Listen अनुवाद संसार के श्रृष्टि एवं परिपालन करने वाले श्री वरदराजपेरुमाळ के प्रिय, जो केवल उनके प्रति शीश (दास्यता), पारतंत्र्य (पूर्ण निर्भरता) तथा अनन्य भोग्यता … Read more
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः चतुः श्लोकी आळवन्दार – काट्टुमन्नारकोईल यत पदाम्भोरुहध्याना विध्वस्थासेष कल्मष: | वस्तुथामुपयातोहम यामनेयम् नमामितम् || Listen अपने कृपा से मेरे दोषों को निष्कासन कर, एक पेह्चान्नीय वस्तु बनाने वाले श्रीयामुनाचार्य को पूजता हूँ। अर्थात , मै पहले अचित था और यामुनाचार्य के चरण कमलों पर ध्यान बढ़ाने … Read more
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः पेरुंदेवी तायार , उबयनाचियार संग श्री वरदराज पेरुमाळ, कांचीपुरम आळवन्दार – काट्टुमन्नारकोईल Audio e-book – https://1drv.ms/b/s!AiNzc-LF3uwygXcFzmweJNc4dYpB श्री आळवन्दार (यामुनाचार्यजी) अत्यंत कृपा से संस्कृत में श्रीमन् नारायण के सहधर्मिणि श्रीमहालक्ष्मी के वैभव प्रकटित स्तोत्र प्रबंध -चतुः श्लोकी (चार श्लोक) लिखें। न्याय वेदांत विध्वान दामल वंकिपुरम श्री उ.वे. … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाये नम: श्रीमते रामानुजाये नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम: श्लोक 1 नमस्ते हस्त्भी शैलेष ! श्रीमन ! अम्भ्जलोचन ! । शरणं त्वां प्रपन्नोस्मी प्रणतार्ति हराच्युत ! ।। Listen हे हस्तगिरी नाथ! श्रीपति! अरविंदाक्ष! आपके चरणों में प्रणाम है। आप उनके दुखों का नाश करते है, जो आपके चरणों की आराधना करते है। आप अच्युत है, … Read more