श्री देवराज अष्टकम् – श्लोक
श्री: श्रीमते शठकोपाये नम: श्रीमते रामानुजाये नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम: श्लोक 1 नमस्ते हस्त्भी शैलेष ! श्रीमन ! अम्भ्जलोचन ! । शरणं त्वां प्रपन्नोस्मी प्रणतार्ति हराच्युत ! ।। Listen हे हस्तगिरी नाथ! श्रीपति! अरविंदाक्ष! आपके चरणों में प्रणाम है। आप उनके दुखों का नाश करते है, जो आपके चरणों की आराधना करते है। आप अच्युत है, … Read more