रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 11 से 20

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 1 से 10 पाशूर ११: श्रीरंगामृत स्वामीजी कहते हैं कि जिन्होंने श्रीरामानुज स्वामीजी (जो श्रीयोगीवाहन स्वामीजी के दिव्य चरणों को अपने सरपर पहनते थे) की  शरण लिए हैं वें उनके महानता की  विषय पर अधिक नहीं … Read more