आर्ति प्रबंधं – ८
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम: आर्ति प्रबंधं << पासुर ७ पासुरम ८ तन कुळवि वान किणट्रै चार्न्दिरुक्क कनडिरुन्दाल एन्बदन्रो अन्नै पळियेर्किन्राल – नंगु उणरिल एन्नाले नासं मेलुम एतिरासा उन्नाले आम उरवै ओर शब्दार्थ तन कुळवि – अगर अपना बच्चा चार्न्दिरुक्क – निकट वान किणट्र – एक बड़ा कुआँ (कुऍ में गिरने से … Read more