आर्ति प्रबंधं
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम: श्री रामानुज- श्रीरंगम मणवाळ मामुनिगळ – श्रीरंगम श्री मणवाळ मामुनि हमारे सत सम्प्रदाय के प्रति अपने यशस्वी साहित्यिक अभिदान की आरंभ, आळ्वारतिरुनगरी के भविष्यदाचार्य सन्निधि में कैंकर्य करते समय, श्री रामानुज के यश पर संस्कृत में यतिराज विम्षति नामक प्रबंध, किये। ये मन मोहक २० श्लोक, … Read more