नाच्चियार् तिरुमोऴि- सरल व्याख्या – चौदहवां तिरुमोऴि – पट्टि मेय्न्दोर्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि << तेरहवां दशक तिरुप्पावै में, आण्डाळ् ने प्राप्यम् (अन्तिम उपेय) और प्रापकम् (प्राप्ति का उपाय) की घोषणा की थी। अंतिम लक्ष्य नहीं मिलने पर वह असमंजस में पड़ गई और नाच्चियार् तिरुमोऴि में प्रथम कामन् के चरणों में गिर गई। … Read more

नाच्चियार् तिरुमोऴि – सरल व्याख्या – तेरहवां दशक – कण्णन् ऎन्नुम् करुम् दॆय्वम्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि << बारहवां दशक जो लोग इसकी इस दशा देखते, वे अत्यंत दुखी होकर यदि इसे कहीं ले जाने को चाहते तो स्वयं को उसके लिए भी बलहीन अनुभव करते। यदि वे बड़ा प्रयास करते, तो इसे कृपापूर्वक एक पर्यङ्क … Read more

नाच्चियार् तिरुमोऴि – सरल व्याख्या – बारहवां दशक – मट्रु इरुन्दीर्गट्कु

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि << ग्यारहवां दशक आण्डाळ् एम्पेरुमान् के सुवचनों का आश्रय लेती हैं कि वे सर्वरक्षक हैं,पेरियाळ्वार(श्री विष्णुचित्त स्वामी जी)के साथ सम्बन्ध का आश्रय लेती हैं परन्तु इच्छा पूर्ण न होने से(एम्पेरुमान् के दर्शन और प्राप्ति) व्यथित हो गई “एम्पेरुमान् स्वातंत्र्य … Read more

नाच्चियार् तिरुमोऴि – सरल व्याख्या – ग्यारहवां दशक – ताम् उगक्कुम्

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि << दसवां तिरुमोऴि भगवान कभी अपना वचन नहीं त्यागेंगे; वे सदा हमारी रक्षा करेंगे। गोदा देवी (आण्डाळ्) दृढ़ थी कि यदि यह भी असफल होने पर भी वे हमें इसलिए शरण देंगे क्योंकि हम श्रीविष्णुचित्त (पेरियाऴ्वार्) की दिव्य पुत्री … Read more

नाच्चियार् तिरुमोऴि – सरल व्याख्या – दसवां तिरुमोऴि

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि << नौंवा तिरुमोऴि प्रारंभ में वह स्वयं को बनाए रखने के लिए कामदेव, पक्षियों और मेघों के चरणों को पकड़ती है। इससे उसका‌ कोई लाभ नहीं हुआ। यद्यपि भगवान नहीं आए, उसने सोचा कि वह भगवान से संबंधित वस्तुओं … Read more

नाच्चियार् तिरुमोऴि – नौंवा तिरुमोऴि – सिन्दुरच् चॆम्बॊडि

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि << आठवां तिरुमोऴि आठवें दशक में आण्डाळ् (गोदाम्बा) दुःखी थी अर्थात उसके अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा था। वहाँ कुछ मेघ थे भगवान के पास जाकर इसकी दशा के बारे में बताने। परंतु वे कहीं नहीं ग‌ए, और पूरा जल … Read more

नाच्चियार् तिरुमोऴि – सरल व्याख्या – आठवां तिरुमोऴि – विण्णील मेलाप्पु

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि <<सातवां तिरुमोऴि इसके‌ पूर्व के दशक में वह पाञ्चजन्य आऴ्वान् से भगवान श्रीमन्नारायण (एम्पेरुमान्) के अधरामृत के स्वरूप के विषय में पूछती है। उससे पूछताछ करने के पश्चात आण्डाळ् के हृदय का अनुभव भगवान तक पहुँच जाता है। उसी … Read more

nAchchiyAr thirumozhi – 14.10 – parundhAL kaLiRRukku

SrI: SrImathE SatakOpAya nama: SrImathE rAmAnujAya nama: SrImadh varavara munayE nama: Full series >> Fourteenth decad  << Previous avathArikai (Introduction) – she brings the prabandham to an end by stating the benefit to those who meditate on this decad, which is that they will constantly carry out servitude to emperumAn. parundhAL kaLiRRukku aruL seydha paraman … Read more

nAchchiyAr thirumozhi – 14.9 – nAttaip padaiyenRu

SrI: SrImathE SatakOpAya nama: SrImathE rAmAnujAya nama: SrImadh varavara munayE nama: Full series >> Fourteenth decad  << Previous avathArikai (Introduction) – she says that they saw kaNNan, who had hunted animals, who are monsters in disguise, in SrI brindhAvanam, nAttaip padaiyenRu ayan mudhalAth thandha naLir mAmalar undhivIttaip paNNi viLaiyAdum vimalan thannaik kaNdIrEkAttai nAdith thEnuganum kaLiRum … Read more

nAchchiyAr thirumozhi – 14.8 – veLiya sangu

SrI: SrImathE SatakOpAya nama: SrImathE rAmAnujAya nama: SrImadh varavara munayE nama: Full series >> Fourteenth decad  << Previous avathArikai (Introduction) – she says that they saw kaNNan, playing in SrI brindhAvanam, with his divine locks, similar to beetles, shining on his divine shoulders. veLiya sangu onRu udaiyAnaip pIdhaga Adai udaiyAnaiaLinangudaiya thirumalai AzhiyAnaik kaNdIrEkaLi vaNdu engum … Read more