सप्त गाथा (सप्त कादै)
श्री: श्रीमते शठकोप नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद् वरवर मुनये नम: आर् वचनबूडनत्तिन् आऴ् पोरुळ् एल्लाम् अऱिवाऱ्*आरदु सोल् नेरिल् अनुट्टिप्पार् – ओर् ओरुवर्उण्डागिल्* अत्तनै काण् उळ्ळमे* एल्लार्क्कुम्अण्डाददन्ऱो अदु।। -उपदेश रत्नमाला ५५ जिस प्रकार मणवाळ मामुनिगळ् (श्रीवरवर मुनि स्वामीजी) ने उपदेश रत्नमाला में वर्णन किया है, हमारे श्रीवैष्णव सम्प्रदाय में सबसे महत्वपूर्ण ग्रन्थ पिळ्ळै लोकाचार्य द्वारा … Read more