तिरुवाय्मोळि – सरल व्याख्या – १.१ – उयर्वर

श्री: श्रीमते शटकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत वरवरमुनये नम: कोयिल तिरुवाय्मोळि << तनियन सर्वेश्वर जो श्रिय:पति हैं सबसें सर्वश्रेष्ठ हैं, सारें कल्याण गुणों के निवास स्थान हैं, दिव्य रूप के हैं, श्रीवैकुण्ट और संसारम दोनों के नेता हैं, वेदों से प्रकाशित हैं, सर्वव्यापी हैं, सर्व नियन्ता हैं, सारें चेतनों औरअचित वस्तुओँ के अंतर्यामी हैं … Read more