ज्ञान सारं – प्रस्तावना
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: ज्ञान सारं तनियन् ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) १ श्री देवराजमुनी श्री रामानुज स्वामीजी के शिष्य थे और उन्होने अपने आचार्य के दिव्य श्री चरणोंमें शरणगति की। उन्होने समस्त वेद और शास्त्रों कों अपने आचार्य से सीखा और समझा। इसी कारण उन्हे परम तत्त्व भगवान … Read more