सप्त गाथा (सप्त कादै) – तनियन (मंगलाचरण)

श्री: श्रीमते शठकोप नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नम:

शृंखला

वाऴि नलम् तिगऴ् नारणतादन् अरुळ्
वाऴि अवन् अमुद वाय् मोऴिगळ् – वाऴियवे
एऱु तिरुवुडैयान् एन्दै उलगारियन् सोल्
तेऱु तिरुवुडैयान् सीर्।

श्रेष्ठ नारायण तादर (विळाञ्जोलैप्पिळ्ळै) की कृपा सदा बनी रहे! उनकी अमृतमय वाणी अमर रहे! उनकी वह गुण सदा अमर रहें, जिससे उनके पास हमारे स्वामी, पिळ्ळै लोकाचार्य की वाणी को समझने और कैङ्कर्य की बढ़ती हुई संपत्ति है!

अडियेन अमिता रामानुज दासी 

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