आर्ति प्रबंधं ३४

श्री:  श्रीमते शठकोपाय नम:  श्रीमते रामानुजाय नम:  श्रीमद्वरवरमुनये नम: आर्ति प्रबंधं << पासुर ३३ उपक्षेप मणवाळ मामुनि के कल्पना में श्री रामानुज के एक प्रश्न, इस पासुरम का मुखबंध के रूप में है।  इस काल्पनिक प्रश्न का उत्तर ही यह पासुरम है।  वह प्रश्न है, “ ऐसा मान लें कि मेरी अत्यंत कृपा हैं , परन्तु आपके … Read more