ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) ४०
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: ज्ञान सारं ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) ३९ पाशुर ४०: अल्लि मलर पावैक्कन्बर अडिक्कन्बर सोल्लुम अविडु सुरुदियाम – नल्ल पड़ियाम मनु नूर कवर सरिदै पार्वै सेडियार विनैत तोगैक्कुत ती प्रस्तावना: “आचार्य भक्ति” और “भक्तों के भक्त” के विचार को पिछले कई पाशुरों में विस्तार से बताया … Read more