ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) १७
श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: ज्ञान सारं ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) १६ ज्ञान सारं – पासुर (श्लोक) १८ पाशूर १७ ओर्निडुग विण्णवर् कोन् सेल्वमोलिंदडुग एंरूम इरवादिरुन्दिडुग – इन्रे इरक्कक कलिप्पुम कवर्वुम इवट्राल पिरुक्कुमो? तट्रेलिन्द पिन प्रस्तावना: पिछले पाशुर में श्री देवराज मुनि उस मनुष्य के बारे में बताते है जिन्हे … Read more