Glossary/Dictionary by chUrNikai – SaraNAgathi gadhyam

Sorted by word pAsuram Word Meaning saranagathi-gadhyam-1   bhagavan   one who possesses six essential qualities (gyAna bala aiSvarya vIrya Sakthi thEjas, which will be explained further in detail) saranagathi-gadhyam-1   nArAyaNa   the residing place for all beings, both sentient and insentient saranagathi-gadhyam-1   abhimatha   being liked by SrIman nArAyaNa saranagathi-gadhyam-1   anurUpa   having same physical beauty as SrIman nArAyaNa … Read more

Glossary/Dictionary by Word – SaraNAgathi gadhyam

Sorted by chUrNikai pAsuram Word Meaning saranagathi-gadhdyam-21-23   abhayam   without fear saranagathi-gadhdyam-21-23   abhibhAshathE  utter saranagathi-gadhyam-1   abhimatha   being liked by SrIman nArAyaNa saranagathi-gadhyam-8-9   abhyadhika   exceptional or surpassing saranagathi-gadhyam-8-9   achara   that which is static saranagathi-gadhyam-5   achinthya   can not be thought of saranagathi-gadhyam-5   achinthya   beyond thought saranagathi-gadhyam-5   achith   insentients  saranagathi-gadhyam-5   adhbhutha   wondrous saranagathi-gadhyam-5   Adhi  many other qualities saranagathi-gadhyam-1   Adhi  … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 8-9

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 7 चूर्णिका 8 और 9 लघु है, इसीलिए हम इन्हें साथ में देखेंगे। प्रथम चूर्णिका 8: अवतारिका (भूमिका) चूर्णिका 7 श्रवण करने पर भगवान श्रीरामानुज स्वामीजी से पूछते है, “क्या में मात्र आपके लिए ही पिता, माता, संबंधी आदि हूँ?”, जिसके प्रति उत्तर … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 7

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 6 – भाग 6 अवतारिका (भूमिका) जैसा की पिछले चूर्णिका में बताया गया है, श्री पेरियवाच्चान पिल्लै प्रश्न करते है कि क्या हमारे द्वारा त्याग किया सभी कुछ हमारे लिए हानि नहीं है। वे प्रतिउत्तर में कहते है कि यह हानि नहीं है … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 6

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 5 – भाग 5 अवतारिका (भूमिका) पेरियवाच्चानपिल्लै यहाँ पिछली पांच चूर्णिकाओं का संक्षिप्त बताते है। जब कोई जीव भगवान् के समक्ष आश्रित होने के लिए पहुंचता है, उसमें भगवान के लिए अतीव त्वरित चाहना और यह पूर्ण विश्वास होना चाहिए कि भगवान जीवको … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 5 – भाग 5

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 5 – भाग 4 श्रीरंगनाथ भगवान के चरणकमल आईये अब हम इस चूर्णिका के अंतिम भाग को जानते है- अनालोचित विशेष अशेषलोक शरण्य ! प्रणतार्तिहर ! आश्रित वात्सल्यैक जलधे ! अनवरत विधित निखिल भूत जात याथात्म्य ! अशेष चराचरभूत निखिल नियम निरत … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 5 – भाग 4

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 5 – भाग 3 आईये अब हम उन अष्ट गुणों और अन्य कल्याण गुणों के विषय में जानने का प्रयास करेंगे है, जिनका वर्णन भगवद श्रीरामानुज स्वामीजी, भगवान की शरणागति करने के पूर्व करते है। सत्यकाम !सत्यसंकल्प ! परब्रह्मभूत ! पुरुषोत्तम ! महाविभूते ! श्रीमन् ! नारायण … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 5 – भाग 3

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 5 – भाग 2 पिछले अंकों में हमने भगवान के स्वरुप (प्रकृति), रूप गुण (दिव्य विग्रह के गुण), आभूषणों, आयुधों, और महिषियों के विषय में किये गए वर्णन को देखा। अब हम श्रीवैकुण्ठ और लीला विभूति में उनके आश्रितों के विषय में जानेंगे। … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 5 – भाग 2

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 5 – भाग 1 अब हम उनके स्वरुप के गुणों के विषय में जानेंगे। जिस प्रकार उनके रूप (विग्रह) के गुण, रूप के सुंदर आभूषणों के समान है, उसी प्रकार उनके स्वरुप के गुण भी उनके स्वरुप के आभूषणों के समान है।   … Read more

शरणागति गद्य – चूर्णिका 5 – भाग 1

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नम: शरणागति गद्य << चूर्णिका 2,3 और 4 अवतारिका (भूमिका) 5 चूर्णिका में श्रीरामानुज स्वामीजी उन परमात्मा को स्थापित करते है, जिनकी शरणागति सभी को करनी चाहिए। श्रीरामानुज स्वामीजी प्रभावी रूप से यह बताते है कि “नारायण” ही परमात्मा है। हम पहले देख चुके है कि “नारायण” शब्द दो खण्डों से … Read more