Glossary/Dictionary by word – rAmAnusa nURRanthAdhi

Sorted by pAsuram Word Meaning pAsuram achcharaN anRi other than those divine feet rAmAnusa nURRanthAdhi – 45 adaibavarkku for those who reach him, (will be reached by) rAmAnusa nURRanthAdhi – 32 adaindha pin after surrendering to rAmAnusa nURRanthAdhi – 56 adaiyAr kamalaththu alarmagAL for pirAtti who has got the birth place as lotus flower with … Read more

रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 101 से 108

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 91 से 100  पाशुर १०१: श्रीरंगामृत स्वामीजी कहते हैं श्रीरामानुज स्वामीजी की मिठास उनके पवित्रता से भी उच्च हैं।  मयक्कुम् इरु विनै वल्लियिल् पूण्डु मदि मयन्गित्तुयक्कुम् पिऱवियिल् तोन्ऱिय एन्नै तुयर् अगऱ्ऱिउयक्कोण्डु नल्गुम् इरामानुस एन्ऱदु उन्नै उन्निनयक्कुम् … Read more

रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 91 से 100

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 81 से 90  पाशुर ९१: हालांकि संसारी जन भागीदारी नहीं थे श्रीरंगामृत स्वामीजी यह स्मरण कराते हैं कि कैसे श्रीरामानुज स्वामीजी ने उन्हें इस संसार से ऊपर उठाया और उनकी प्रशंसा किये। मरुळ् सुरन्दु आगम वादियर् … Read more

रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 81 से 90

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 71 से 80  पाशुर ८१: वों स्वयं श्रीरामानुज स्वामीजी को समर्पण करते हैं कि वों कैसे श्रीरामानुज स्वामीजी द्वारा संशोधित किए गये हैं और कहते हैं उनके कृपा के समान ओर कुछ नहीं हैं। सोर्वु इन्ऱि … Read more

रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 71 से 80

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 61 से 70  पाशुर ७१: श्रीरामानुज स्वामीजी ने भी उनकी प्रार्थना स्वीकार की और उन्हें उत्कृष्ट झलक देखा और इस तरह श्रीरंगामृत स्वामीजी के ज्ञान को बढ़ाया ताकि वें उनके संग बड़ी दृड़ता से निरत रहे। … Read more

रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 61 से 70

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत्  वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 51 से 60  पाशुर ६१: जब श्रीरामानुज स्वामीजी के महानता के विषय में पूछताछ किया गया तो श्रीरंगामृत स्वामीजी ने बड़ी दया से उन्हें समझाया।  कोळुन्दु विट्टु ओडिप् पडरुम् वेम् कोळ् विनैयाल् निरयत्तुअळुन्दियिट्टेनै वन्दु आट्कोण्ड पिन्नुम् … Read more

ರಾಮಾನುಜ ನೂಱ್ಱಂದಾದಿ – ಸರಳ ವಿವರಣೆ – 101 ರಿಂದ 108ನೆ ಪಾಸುರಗಳು

ಶ್ರೀಃ ಶ್ರೀಮತೆ ಶಠಗೋಪಾಯ ನಮಃ ಶ್ರೀಮತೆ ರಾಮಾನುಜಾಯ ನಮಃ ಶ್ರೀಮತ್ ವರವರಮುನಯೆ ನಮಃ ಪೂರ್ಣ ಸರಣಿ ಹಿಂದಿನ ಶೀರ್ಷಿಕೆ << 91-100 ಪಾಸುರಗಳು ನೂರ ಒಂದನೆಯ ಪಾಸುರಂ: ಎಂಪೆರುಮಾನಾರರ ಮಾಧುರ್ಯವು ಅವರ ಪವಿತ್ರತೆಗಿಂತ ಶ್ರೇಷ್ಠವಾದುದು ಎಂದು ಅಮುದನಾರರು ಹೇಳುತ್ತಾರೆ. ಮಯಕ್ಕುಂ ಇರು ವಿನೈ ವಲ್ಲಿಯಿಲ್ ಪೂಣ್ಡು ಮದಿ ಮಯಂಗಿತ್ ತುಯಕ್ಕುಂ ಪಿಱವಿಯಿಲ್ ತೋನ್ಱಿಯ ಎನ್ನೈ ತುಯರ್  ಅಗಱ್ಱಿ ಉಯಕ್ಕೊಣ್ಡು ನಲ್ಗುಂ ಇರಾಮಾನುಶ ಎನ್ಱದು ಉನ್ನೈ ಉನ್ನಿ ನಯಕ್ಕುಂ ಅವರ್ಕ್ಕು ಇದು ಇೞುಕ್ಕು ಎನ್ಬರ್ ನಲ್ಲವರ್ ಎನ್ಱು ನೈನ್ದೇ … Read more

रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 51 से 60

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत्  वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 41 से 50  पाशूर ५१: श्रीरंगामृत स्वामीजी कहते हैं कि श्रीरामानुज स्वामीजी का इस संसार में अवतार लेने का एक मात्र उद्देश उन्हें (श्रीरंगामृत स्वामीजी) श्रीरामानुज स्वामीजी का दास बनाना हैं। अडियैत् तोडर्न्दु एळुम् ऐवर्गट्काय् अन्ऱु … Read more

ರಾಮಾನುಜ ನೂಱ್ಱಂದಾದಿ – ಸರಳ ವಿವರಣೆ – 91 ರಿಂದ 100ನೆ ಪಾಸುರಗಳು

ಶ್ರೀಃ ಶ್ರೀಮತೆ ಶಠಗೋಪಾಯ ನಮಃ ಶ್ರೀಮತೆ ರಾಮಾನುಜಾಯ ನಮಃ ಶ್ರೀಮತ್ ವರವರಮುನಯೆ ನಮಃ ಪೂರ್ಣ ಸರಣಿ ಹಿಂದಿನ ಶೀರ್ಷಿಕೆ << 81-90 ಪಾಸುರಗಳು ತೊಂಬತ್ತೊಂದನೆಯ ಪಾಸುರಂ. ಸಂಸಾರಿಗಳು ಯಾವುದೇ ವಿಷಯಗಳಲ್ಲಿ ಒಳಗೊಳ್ಳದಿದ್ದರೂ ಸಹ, ಅಮುದನಾರರು ಅವರನ್ನು  ಉನ್ನತಿಗೆ ತರಲು ರಾಮಾನುಜರು ಮಾಡಿದ ಪ್ರಯತ್ನಗಳನ್ನು ನೆನಪಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ ಮತ್ತು ಅವರನ್ನು ಶ್ಲಾಘಿಸುತ್ತಾರೆ. ಮರುಳ್ ಸುರಂದು ಆಗಮ ವಾದಿಯರ್ ಕೂಱುಂ ಅವಪ್ ಪೊರುಳಾಮ್ ಇರುಳ್ ಸುರಂದು ಎಯ್ತ ಉಲಗು ಇರುಳ್ ನೀಂಗತ್ ತನ್ ಈಣ್ಡಿಯ ಶೀರ್ ಅರುಳ್ ಸುರಂದು ಎಲ್ಲಾ ಉಯಿರ್ಗಟ್ಕುಂ … Read more

रामानुस नूट्रन्ददि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या – पाशुर 41 से 50

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत्  वरवरमुनये नम: रामानुस नूट्रन्दादि (रामानुज नूत्तन्दादि) – सरल व्याख्या << पाशुर 31 से 40  पाशूर ४१: श्रीरंगामृत स्वामीजी कहते हैं इस संसार को  जिसे भगवान नहीं सुधार सके, उसे श्रीरामानुज स्वामीजी के अवतार ने सुधार दिया।  मण्मिसै योनिगळ् तोऱुम् पिऱन्दु एन्गळ् मादवनेकण् उऱ निऱ्किलुम् काणगिल्ला उलगोर्गळ् एल्लाम्अण्णल् … Read more