पूर्वदिनचर्या – श्लोक – ९
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ८ … Read more
Divya Prabandham
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ८ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ७ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ६ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ५ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ४ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ३ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक २ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक १ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः शरणागति गद्य << तनियन श्रीनम्पेरुमाल और श्रीरंगनाच्चियार – श्रीरंगम श्रीपेरियवाच्चान पिल्लै के व्याख्यान का मुख्य आकर्षण श्रीरामानुज स्वामीजी ने अपने प्रबंध श्रीभाष्य में मोक्ष (संसार से मुक्ति) प्राप्ति के लिए भक्ति योग की व्याख्या की है। श्रीभाष्य की रचना, कुदृष्टियों (वह जो वेदों का गलत अर्थ करते हैं) … Read more