उत्तरदिनचर्या – श्लोक – ८
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ७ … Read more
Divya Prabandham
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ७ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ६ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ४-५ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ३ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक २ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक १ … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः शरणागति गद्य <<< परिचय खंड अवतारिका (भूमिका) इस चूर्णिका को द्वयमंत्र के वर्णन के रूप में जाना जाता है। यह सर्वविदित है कि एकमात्र भगवान श्रीमन्नारायण ही सभी फल प्रदान करने वाले हैं, (“सकल फलप्रदो ही विष्णु” – विष्णु धर्म), तब सर्वप्रथम पिराट्टी (श्रीमहालक्ष्मीजी) के श्रीचरणों … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ३१ श्लोक ३२ ततश्शुभाश्रये तस्मिन्निमग्मं निभृतं मनः । यतीन्द्रप्रणवं कर्तुम् यतमानम् नमामि तं ॥ ३२॥ शब्दार्थ – ततः – योग का अभ्यास के बाद अन्यथा जिसे भगवान का ध्यान कहते है, तस्मिन् – … Read more
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवर मुनये नमः परिचय श्लोक ३० … Read more