नाच्चियार् तिरुमोऴि – सरल व्याख्या – तनियन्

श्रीः श्रीमतेशठकोपाय नमः श्रीमतेरामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः नाच्चियार् तिरुमोऴि अल्लिनाळ् तामरै मेल् आरणंङ्गिन् इन्तुणैविमल्लि नाडाण्ड मडमयिल्- मेल्लियलाळ्आयर्कुल वेन्दन् आगत्ताळ् तेन्पुदुवैवेयर् पयन्द विळक्कु श्री गोदा मृदु स्वभाव की है; वह नव खिले कमल पुष्प में नित्य वास करने वाली, देवी पेरिय पिराट्टि की प्रिय सखी है, वह एक मोरनी की तरह तिरुमल्लि प्रदेश में राज्य करती … Read more

उपदेश रत्तिनमालै – सरल व्याख्या – पासुर १४ और १५

। ।श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नमः। । उपदेश रत्तिनमालै <<पासुर १२ और १३ पासुर १४  चौदहवां पासुर। मामुनिगळ् वैकासी (वैशाख) मास के विसागम् (विशाखा) नक्षत्र के महान दिन का जश्न मनाते हैं, जिस दिन नम्माऴ्वार्, जिन्होंने सरल तमिऴ् में वेद के अर्थों का वर्णन किया और जिनके पास अन्य आऴ्वार् … Read more

नाच्चियार् तिरुमोऴि – सरल व्याख्या

श्रीः श्रीमतेशठकोपाय नमः श्रीमतेरामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः मुदलायिरम् श्रीवरवरमुनि स्वामीजी ने श्रीगोदाजी की महानता को उपदेस रत्तिन मालै ग्रन्थ के २४ वे पाशुर मे सुन्दर्तापूर्वक उल्लेखित करते हैं। अञ्जु कुडिक्कु ओरु चन्ददियाय् आऴ्वार्गळ्तम् चेयलै विञ्जि निऱ्कुम तन्मैयळाय्- पिञ्जाय्प्प​ऴुत्ताळै आण्डाळैप् पत्तियुडन् नाळुम्व​ऴुत्ताय् मनमे मगिऴ्न्दु आऴ्वारों के कुल में श्रीगोदाजी (आण्डाळ्) एक ही उत्तराधिकारी बनकर अवतरित हुईं। … Read more

saptha kAdhai – pAsuram 3

SrI:  SrImathE SatakOpAya nama:  SrImathE rAmAnujAya nama:  SrImath varavaramunayE nama: Full series << Previous Introduction When asked “Though a person is lacking love towards his AchAryan, due to AchAryan’s instructions, he has learnt the essence of SAsthram such as artha panchakam etc. Learning those SAsthrams which are arts of knowledge elaborately, due to the knowledge … Read more